मध्य प्रदेश: जय भारत परस्पर सहकारी संस्था में साढ़े चार करोड़ का घोटाला 2023
मध्य प्रदेश: जय भारत परस्पर सहकारी संस्था में साढ़े चार करोड़ रुपये का घोटाला

7000 हजार सदस्यों वाली है बीड़ी श्रमिकों की यह संस्था। 10 साल के रिकार्ड की जांच। सोने की अंगूठियों उपहार और उत्सव पर उ़़डाया सदस्यों का धन। सहकारिता विभाग की जांच में सामने आई हकीकत। रिपोर्ट के आधार पर डीआर कोर्ट में दर्ज हुआ केस।
जय भारत परस्पर साख सहकारी संस्था में 4.48 करो़़ड रपये का घोटाला सामने आया है। संस्था के 10 साल के रिकार्ड की जांच से पता चला है कि संस्था के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने खुद के लिए सोने की अंगूठियां लेने, उपहार बांटने और खुद के उपयोग के लिए फर्जी खातों के जरिए सदस्यों का धन निकाला। सदस्य उपहार, स्वर्ण जयंती और रजत जयंती जैसे कृत्रिम फंड बनाकर बर्तन, बेग, सोना, समारोह और खाने पर बेशुमार फिजूलखर्च किया। पूर्व संचालकों को सोने की अंगूठियां भी देने का मामला सामने आया है।
इसमें न केवल सहकारिता अधिनियम का उल्लंघन किया गया, बल्कि सदस्यों को भी नुकसान पहुंचाया। जो राशि सदस्यों को लाभांश के रूप में बांटनी थी, उसे उपहारों पर खर्च कर दिया। संस्था के कुछ सदस्यों की शिकायत के बाद सहकारिता उपायुक्त ने मामले की जांच कराई।
अंकेक्षण अधिकारी केएस जमरा, उप अंकेक्षक आइसी वर्मा और सहकारी निरीक्षक प्रवीण जैन द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के बाद उपायुक्त ने गबन की राशि की वसूली के लिए सहकारिता अधिनियम की धारा–58 बी के तहत उप पंजीयक डीआर कोर्ट में केस लगाया है। डीआर कोर्ट में यह केस पंजीबद्ध कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि यह संस्था बी़़डी श्रमिकों की संस्था है, जिसमें लगभग सात हजार सदस्य हैं।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक सब मिलकर करते रहे धन की हेराफेरी, अब होगी वसूली
— जय भारत परस्पर सहकारी साख संस्था में उपहार फंड, रजत जयंती फंड, हीरक जयंती फंड बनाकर सदस्यों के एक करो़़ड पांच लाख 20 हजार रपये से अधिक मनमाने तरीके से खर्च कर डाले। इसमें ब्याज सहित कुल 2.17 करो़़ड से अधिक का नुकसान संस्था को हुआ।
इसके लिए तत्कालीन अध्यक्ष आजाद कुमार जैन, उपाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद राजवाल, पूर्व अध्यक्ष स्व. सुंदरलाल जैन व उनके पुत्र व उपाध्यक्ष राकेश जैन, पूर्व अध्यक्ष हरप्रसाद रामदयाल, प्रशासनिक प्रबंधक जैनेंद्र बाबूलाल जैन, प्रबंधक अभय पाटौदी, संचालक घनश्याम सुखलाल, विकास जैन, देवकाबाई, कैलाश देवीलाल और अर¨वद गणेश को जांच में दोषषी बताया गया है।