महत्वपूर्ण संविधान संशोधन अधिनियम 01 से 15 तक 2023
महत्वपूर्ण संविधान संशोधन अधिनियम: पहला सविंधान संशोधन से पंद्रहवा संविधान संशोधन अधिनियम
पहला सविंधान संशोधन अधिनियम:- 1951 संविधान में नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया और अनुच्छेद 15,19,31,85,87,176,361,342,372 और 376 को संशोधित किया गया।
दूसरा संविधान संशोधन अधिनियम:- 1952 अनुच्छेद 81 को संशोधित करके लोकसभा के एक सदस्य के निर्वाचन के लिए 7/12 लाख मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई और लोकसभा के लिए सदस्यों की संख्या 500 निश्चित की गई।
तीसरा संविधान संशोधन अधिनियम:- 1954 राज्य सूची के कुछ विषय समवर्ती सूची में शामिल किये गये।
चौथा संविधान संशोधन अधिनियम:- 1955 सम्पति के अधिकार संबंध अनुच्छेद-31, 9वीं अनुसूची में तथा अनुच्छेद 305 को संशोधित किया गया।
छठा संविधान अधिनियम:- 1956 सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशां की संख्या में वृद्धि की गई तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करने की आज्ञा दी गई।
सातवां संविधान संशोधन अधिनियम:- 1956 संविधान में व्यापक परिवर्तन किये गये। लोकसभा की रचना , प्रत्येक जनगणना के बाद पुनः समायोजन, नए उच्च न्यायालयों की स्थापना, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों आदि के संबंध में उपबंधों की व्यवस्था की गई।
नौवां संविधान संशोधन अधिनियम:- 1960 क्रेंदशासित प्रदेश के रूम में बेरूबारी ( पश्चिम बंगाल) की स्थापना की गई।
दसवां संविधान संशाोधन अधिनियम:- 1960 दादर और नागर हवेली के क्षेत्र को भारतीय क्षेत्र में सम्मिलत कर उसे केंद्र शासित प्रदेश में शामिल कर लिया गया।
बारहवां संविधान संशोधन अधिनियम:- 1962 गोवा, दमन और दीव को एक संघ शासित प्रदेश के रूप में संविधान की प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया।
तेरहवां संविधान संशोधन अधिनियम:- 1962 नागालैण्ड को भारतीय संघ के 16 वें राज्य के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
चौदहवा संविधान संशोधन अधिनियम:- 1962 पाण्डिचेरी के नाम से केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। लोकसभा मे संघ शासित प्रदेशों के स्थानों की संख्या 20 से बढ़ाकर 25 कर दी गई।
पंद्रहवा संविधान संशोधन अधिनियम:- 1963 उच्च न्यायलयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 60 से 62 वर्ष कर दी गयी।