Chhath 2020 in Bihar will begin on Friday, 20 November and ends on Saturday, 21 November. Chhath Puja 2020: इस साल कब है छठ पूजा? जानिए कौन हैं देवी षष्ठी और कैसे हुई उत्पत्ति, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं|Chhath Puja 2020: छठ पूजा में इस बार यह शुभ संयोग, पूजा के लिए यह है आवश्यक साम्रगी| 2023

Chhath 2020 in Bihar will begin on Friday, 20 November and ends on Saturday, 21 November. Chhath Puja 2020: इस साल कब है छठ पूजा? जानिए कौन हैं देवी षष्ठी और कैसे हुई उत्पत्ति, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं|Chhath Puja 2020: छठ पूजा में इस बार यह शुभ संयोग, पूजा के लिए यह है आवश्यक साम्रगी| 2023

Chhath Puja 2020: छठ पूजा में इस बार यह शुभ संयोग, पूजा के लिए यह है आवश्यक साम्रगी|

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होने वाला आस्था का महापर्व 18 नवंबर से शुरू होगा। छठ पूजा इशबार 20 नवंबर को है। नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले इस पर्व में सूर्य भगवान की विशेष उपासना की जाती है। इस बार छठ पूजा में ग्रह नक्षत्रों का बहुत ही शुभ योग है। इस बार षष्ठी तिथि  19 नवंबर को रात 21:58 पर प्रारंभ होगी। इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 48 मिनट पर होगा। 

इस योग में पूजा करने से परिवार में सुख, शांति धन-समृद्धि बनी रहती है। इस बार छठ पूजा की शुरुआत रवियोग  से हो रही है। नहाय खाय रवियोग में हो रहा है। इसके साथ ही सूर्य भगवान को अर्घ्य द्विपुष्कर योग में दिया जाएगा।

छठ पूजा के लिए इन चीजों की पड़ती है जरूरत: प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी,  बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई।

छठ पूजा 2020 की तारीख (Chhath Puja 2020 Date)- 20 नवंबर 2020

छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 06 बजकर 48 मिनट तक।

छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 17:26 तक।

षष्ठी तिथि आरंभ – 21:58 (19 नवंबर 2020)

  • Chhath Puja 2020: इस साल कब है छठ पूजा? जानिए कौन हैं देवी षष्ठी और कैसे हुई उत्पत्ति, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं|



  • नवरात्रि, दशहरा और दिवाली की तरह छठ पूजा भी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। बिहार में छठ पूजा को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, छठ माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता है। कहते हैं कि सूर्य देव की उपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं।

    छठ पूजा को सूर्य षष्ठी के रूप में भी मनाया जाता है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार चार दिनों तक चलता है। चार दिवसीय छठ पर्व कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक चलता है। इस साल छठ पर्व 20 नवंबर को मनाया जाएगा|

    छठ पूजा 2020 की तारीख (Chhath Puja 2020 Date)- 20 नवंबर 2020

    छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 06 बजकर 48 मिनट तक।

    छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 17:26 तक।

    षष्ठी तिथि आरंभ – 21:58 (19 नवंबर 2020)

    षष्ठी तिथि समाप्त – 21:29 (20 नवंबर 2020)

    छठ पूजा या छठी मैया का महत्व (Significance of Chhath Puja and Chhathi Maiya)-

    वैदिक ज्योतिष के अनुसार, छठ पूजा में सूर्य देवता के साथ छठी मइया या छठ माता की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि छठ माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप में भी जाना जाता है।

    देवी षष्ठी की ऐसे हुई उत्पत्ति-

    छठ देवी को सूर्य देव की बहन माना जाता है। लेकिन छठ व्रत कथा के अनुसार, छठ देवी ईश्वर की पुत्री देवसेना बताई गई हैं। देवसेना अपने परिचय में कहती हैं कि वह प्रकृति की मूल प्रवृत्ति के छठवें अंश से उत्पन्न हुई हैं यही कारण है कि उन्हें षष्ठी पुकारा जाता है। वह कहती हैं अगर आप संतान सुख चाहते हैं तो उनकी विधि-विधान से पूजा करें। इस पूजा को कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन करने का विधान बताया गया है।

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