Hindi Poem (हिंदी कविता): उसने हँसते हुए तोड़ा था हमारा रिश्ता, हम 2023

Hindi Poem (हिंदी कविता): उसने हँसते हुए तोड़ा था हमारा रिश्ता, हम 2023

Hindi Poem (हिंदी कविता): उसने हँसते हुए तोड़ा था हमारा रिश्ता…
हम सभी को ये बताते हुए रो देते हैं…


लेकर चले हम ज़िन्दगी।
क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।।
कभी धूप के,कभी छाँव के-
सिलसिलों में ज़िन्दगी।

काटी है उम्र मीलों में,
यायावरी के पहियों पर।
देखी हैं चालें वक्त की-
रवि-चाँद की घड़ियों पर।
जीत जाती,मात खाती,
यूँ दिलों में ज़िन्दगी।
लेकर चले हम ज़िन्दगी।
क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।।

CHAIRMAN & MANAGING DIRECTOR

है रास्तों से राब्ता,
जाने नही कब से पता।
न नक़्शा है,न नाम है,
देता हमें जो सब जता।
गुमशुदा सी और जुदा सी
मंज़िलों में ज़िन्दगी।
लेकर चले हम ज़िन्दगी।
क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।।

वाओं ने सहलाया है,
तूफ़ानों से उजड़ी है।
खुद ही खुद के सामने,
सही ग़लत हो खड़ी है।
बँट गई है फ़रिश्तों में
क़ातिलों में ज़िन्दगी।
लेकर चले हम ज़िन्दगी।
क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।।

भी धूप के,कभी छाँव के-
सिलसिलों में ज़िन्दगी।

By: Dayanand Sir Alias Deepak Sir

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *